संतान और संतति आपके अनुसार भी संभव है--पढ़ें -ज्योतिषी झा मेरठ
संतान और संतति की उत्सुकता सबको होती है -और होनी भी चाहिए -किन्तु हम या तो अनभिज्ञता वश ,या विवेक हीन होने के कारण दो चीजें अनुकूल प्राप्त नहीं कर पाते हैं |-हमारे वेद में सभी कला विद्यमान है ,परन्तु -आधुनीक तकनिकी के आगे या तो हम सात्विक प्रयत्न नहीं करते ,या मजबूरी में मानते हैं - आइये अपने जीवन में संतान एवं संतति से सभी युक्त हों -जानने का प्रयास करते हैं ||-भगवान "मनु "ने -उत्तम संतान एवं पुत्र या पुत्री की कामना रखने वाले लोगों के लिये कुछ प्रयोग बताये हैं जिसे हम जानते नहीं है और जानते हैं तो उस प्रकार से चलते नहीं हैं -जब हमें संतान की कामना हो तो-आप पुत्र चाहते हो तो -पत्ती और पतनी का मिलन यदि सम तिथियों में हो अर्थात -द्वितीया,चतुर्थी ,षष्ठी,अष्टमी ,दशमी ,द्वादशी ,चतुर्दशी तिथियों में तो पुत्र की प्राप्ति होगी || पुत्री की कामना रखने वाले -विषम तिथियों का प्रयोग कर सकते हैं अर्थात -प्रतिपदा ,तृतीया ,पंचमी ,सप्तमी ,नवमी ,त्रयोदशी || एकादशी में मिलन होने पर कलंकित संतान होती है || अमावस्या -में मिलन होने पर भी पुत्री की प्रप्ती होती है | पोर्णिमा तिथि -में भी मिलन होने पर पुत्री की प्राप्ति हो सकती है ="मनुस्मृति" का -मत है की -एकादशी ,अमावस एवं पूर्णमासी -को मिलन नहीं होना चाहिए ,इन तिथियों में देवता, पितरो की ही आराधना करनी चाहिए ||--भाव -मित्र बन्धुगन-आज हमलोग पुत्र प्राप्ति के लिये कुछ भी करते हैं ,किन्तु हमारा थोडा सा सात्विक विचार [सात्विक प्रयास ] से मनोनुकूल संतान भी मिलेगी और महिला पक्षको आत्म खिन्नता का अहसास भी नहीं कराएगी ||-----कर्मकांड में षोडश संस्कार होते हैं -गर्भाधान संस्कार ,पुंसवन संस्कार और सीमंत संस्कार ये तीनों संस्कार हमें अच्छी संतान देते हैं इन संस्कारों को भूलने के कारण ही हमलोग अपनी संतानों से दुखी होते हैं ---इन संस्कारों से हम अपनी ईच्छानुसार संतान प्राप्त आज भी कर सकते हैं --इन संस्कारों में धन नहीं मन और नियम करने पड़ते हैं ।---- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

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