ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2023

कुछ देवों को क्यों -धरती पर रहना पड़ा -विस्तार से बतायें -पढ़ें - ज्योतिषी झा मेरठ

  प्रश्न -कुछ देवों को क्यों -धरती पर रहना पड़ा -विस्तार से बतायें --पढ़ें- ज्योतिषी झा मेरठ 





 --उत्तर -वत्स -सृष्टि की रचना के बाद जब पृथ्वी को स्थापित किया श्री हरि ने तो घरती पर -अग्नि ,वायु ,जल ,सूर्य देवों के बिना जीवों का रहना कठिन था | अतः सभी देव तो अपने -अपने लोकों को गये किन्तु ये देव सभी जीवों की रक्षा हेतु मृत्यलोक में ही रहे | ---वत्स हम सबके प्रत्यक्ष देवता वर्तमान में यहीं है साथ ही समस्त जीव प्रथम इनकी ही आराधना करते हैं | ----प्रमाण --चराचर जगत में भले ही भाषा अलग-अलग हों या शकल अलग -अलग हों या रहन -सहन भिन्न -भिन्न हों पर निर्विरोध अग्नि ,सूर्य ,वायु ,जल की पूजा सभी करते हैं | कर्मकाण्ड जगत में सर्वप्रथम अग्नि की पूजा होती हैं ,संसार के प्रत्येक प्राणी दीप अवश्य जलाते हैं | इसी प्रकार से कर्मकाण्ड जगत में सूर्यदेव की पूजा दीप प्रज्ज्वलित होने के बाद ही होती है -संसार के समस्त प्राणी भगवान भास्कर को नमन अवश्य करते हैं | कर्मकाण्ड जगत में वायु को शुद्ध रखने हेतु हवन का विधान है साथ ही जो हवन में सामग्री डलती है उसका नाम शाकल्य है -इसका निर्माण -तिल ,जौ ,चवाल ,शक्कर एवं गुड़ से होता है जो वायु को शुद्ध तो करता ही है साथ ही जीवों को आरोग्य भी प्रदान करता है | प्रायः विश्व के सभी लोग वायु को शुद्ध रखने का प्रयत्न भी करते रहते हैं | जल अर्थात वरुणदेव -कर्मकाण्ड जगत में अग्नि ,सूर्य के बाद कलश यानि वरुणदेव का ही पूजन होता है --संसार में प्रायः सभी किसी ,न किसी आयोजन में कलश को सिरोधार्य अवश्य ही करते हैं | ये चारो देव प्रत्यक्ष देवता हैं जबतक जगत रहेगा इनकी आराधना सभी जन निर्विघ्नता पूर्वक करते रहेगें | आगे की चर्चा कल करेंगें | -----दोस्तों आप भी अपनी -अपनी राशि के स्वभाव और प्रभाव को पढ़ना चाहते हैं या आपकी राशि पर लिखी हुई बातें मिलतीं हैं कि नहीं परखना चाहते हैं तो इस पेज पर पधारकर पखकर देखें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut-

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खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

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