ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

बुधवार, 20 नवंबर 2024

त्रिकोण ,केंद्र ,पणकर ,अपोकिलिम तथा मारक किन -किन भावों को कहा जाता है -पढ़ें -भाग -57


--1 ---त्रिकोण --पंचम तथा नवम भावों को त्रिकोण कहते हैं | 

--2 --केन्द्र --प्रथम ,चतुर्थ ,सप्तम ,दशम --इन भावों को केन्द्र कहते हैं | 

---3 --पणकर ----द्वितीय ,पंचम ,अष्टम ,तथा एकादश --इन चारों भावों को पणकर कहते हैं | 

--4 --आपोक्लिम --तृतीय ,षष्ठ ,नवम तथा द्वादश --इन भावों को अपोक्लिम कहते हैं | 

---5 --मारक --द्वितीय तथा सप्तम भाव को मारक कहा जाता है | 

नोट --कुछ विद्वानों के मतानुसार द्वितीय तथा दशम भाव को पणकर एवं तृतीय तथा एकादश भाव को अपोक्लिम माना जाता है | 

---6 ---मूल त्रिकोण --जन्म -कुण्डली के द्वादश भावों में विभिन्न राशियां अलग -अलग भावों में रहती हैं | निम्न रूप से जिस राशि के जितने अंश पर जो ग्रह हो उसे "मूल त्रिकोण " में स्थित समझना चाहिए | 

---सूर्य ---सिंह राशि में --1 से 20 अंश तक | 

--चन्द्र --वृष राशि में --4 से 30 अंश तक | 

--मंगल --मेष राशि में -1 से 18 अंश तक | 

--बुध ---कन्या राशि में --1 से 15 अंश तक | 

--गुरु --धनु राशि में --1 से 13 अंश तक 

| --शुक्र -तुला राशि में --1 से 20 अंश तक | 

--शनि --तुला राशि में --1 से 10 अंश तक | -----मूल त्रिकोण के ग्रहों की स्थिति को और अधिक स्पष्ट करने के लिए कुण्डली का सहारा लेना होगा साथ ही गुरु का सान्निध्य भी चाहिए | 

नोट ---राहु को कर्क राशि में मूल त्रिकोणगत माना जाता है | इसी के आधार पर ज्योतिष के विद्वान केतु को मकर राशि में मूल त्रिकोणगत मानते हैं | --अगले भाग में ग्रहों की उच्च तथा नीच स्थिति की जानकारी देंगें |  --भवदीय निवेदक खगोलशास्त्री झा मेरठ --जीवनी की तमाम बातों को पढ़ने हेतु इस ब्लॉकपोस्ट पर पधारें ---khagolshastri.blogspot.com


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खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

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