ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ
ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

रविवार, 25 फ़रवरी 2024

ज्योतिष कक्षा पाठ -25 -नक्षत्र जन्म फल विचार -पढ़ें -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


ज्योतिष जगत में नक्षत्रों पर ही बहुत कुछ निर्भर है | बालक का जन्म किस नक्षत्र में हुआ है --इसका प्रभाव माता पिता ,परिजन या फिर खुद बालक के लिए कैसा रहेगा ---मूल विचार --

--1 ----ज्येष्ठा के अंत को तथा मूल आदि की दो घडी और कहीं -कहीं 6 -6 घटी तक अभुक्त मूल कही जाती है | इस अभुक्त मूल उत्पन्न बालक का 8 वर्ष तक पिता द्वारा देखना सर्वथा वर्जित है | रुद्रार्चन अथवा शिव -पूजन कराना हितकर होता है | 

--2 ---अश्विनी नक्षत्र का प्रथम चरण का जन्म मुख्यतः पिता को भय एवं कष्टकारक ,शेष तीनों चरणों में जन्म होना शुभ होता है | 

---3 ---आश्लेषा  नक्षत्र के प्रथम चरण का जन्म शुभ किन्तु द्वितीय चरण का जन्म धन हानिकारक ,तृतीय चरण सास को अथवा माता को अनिष्टकारक और चतुर्थ चरण का जन्म पिता को कष्टकारक होता है | 

---4 --मघा नक्षत्र के प्रथम चरण का जन्म माता को एवं द्वितीय चरण का जन्म पिता को नेष्ट माना जाता है | किन्तु तृतीय चरण और चतुर्थ चरण का जन्म शुभ होता है | 

--5 --ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रथम चरण का जन्म बड़े भाई को अथवा लड़की का जन्म होने पर पति के ज्येष्ठ भ्राता को ,द्वितीय चरण छोटे भाई  को तृतीय चरण माता को तथा चतुर्थ चरण स्वयं को नष्ट होता है | 

--6 --मूल नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्म हो ,तो पिता अथवा श्वसुर के ,द्वितीय चरण का जन्म माता को नेष्ट होता है ,तथा तृतीय चरण का जन्म धन -हानि करने वाला कहा गया है | चतुर्थ चरण का जन्म शुभ माना जाता है | 

--7 --रेवती नक्षत्र के प्रथम ,द्वितीय एवं तृतीय चरण में जन्म हो तो शुभ किन्तु चतुर्थ चरण में जन्म हो ,तो अशुभ एवं कष्टकारक होता है | 

--ध्यान दें --भारत वर्ष में बहुत से लोग इन मूल नक्षत्रों के प्रभाव को जानते नहीं हैं या परिस्थिति नहीं होती --अतः इन नक्षत्रों से प्रभावित जातक हों या परिवार 28 वर्ष तक उपचार न होने के कारण दुःखी होते हैं | जब सम्पूर्ण भारत में जन्मपत्री सभी बच्चों की बनती हैं तो उपचार भी ज्योतिषी को जरूर बताने चाहिए --परिस्थिति के अनुसार | --अगले भाग में -जातक के पैर कैसे होते हैं --इस पर परिचर्चा करेंगें | --भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ --ज्योतिष सीखनी है तो ब्लॉकपोस्ट पर पधारें तमाम आलेखों को पढ़ने हेतु -khagolshastri.blogspot.com


कोई टिप्पणी नहीं:

खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

मेरी कुण्डली का दशवां घर आत्मकथा पढ़ें -भाग -124 - ज्योतिषी झा मेरठ

जन्मकुण्डली का दशवां घर व्यक्ति के कर्मक्षेत्र और पिता दोनों पर प्रकाश डालता है | --मेरी कुण्डली का दशवां घर उत्तम है | इस घर की राशि वृष है...