मीन राशि --यह राशि द्विस्वभाव ,स्त्री जाति ,कफ प्रकृति ,जलतत्व ,रात्रिबली ,विप्रवर्ण ,उत्तर दिशा की स्वामिनी है | इसका रंग पिंग है | इसका प्राकृतिक स्वभाव उत्तम ,दयालु और दयाशील है | यह सम्पूर्ण जल राशि है | इससे पैरों का विचार किया जाता है |
---पुराभाद्रपद का एक चरण ,उत्तरभाद्रपद और रेवती नक्षत्र इसमें निहित हैं | रेवती नक्षत्र जब मीन राशि में संयुक्त होता है --तो उसका फल यह होता है ---सम्पूरनागः शुचि दक्षः साधु शुरो विचक्षणः ,रेवती संभवो लोके धन धान्य लंकृतः "------अभीष्ट भाव यह है कि व्यक्तिगत -जातक -सभी अंगों से पूर्ण ,पवित्र ,चतुर ,साधु ,वीर ,पंडित ,लेखक ,कलाकार और लोक में धनधान्यों से सुसम्पादित और सुशोभित होता है | इस राशि का प्रतीक मछली है | यह करुणा और अनुकम्प की प्रतीक है ,सतोगुणी है | इसका जातक सौम्य और धर्मबलम्बी होता है | इसे अत्यधिक खर्चीला और उच्च पद का आकांक्षी कहा गया है | इस राशि से ही चलचित्र सम्बन्धी व्यवसाय ,जलयात्रा ,रसायन तथा ओषधी विज्ञानं आदि विषय विचारे और विक्षित किये जाते हैं | इस राशि वाला व्यक्ति मेधाशील और जिज्ञासु भी होता है | ---पाठकगण --अगले भाग में ग्रह पर परिचर्चा करेंगें ------भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ --ज्योतिष सीखनी है तो ब्लॉकपोस्ट पर पधारें तमाम आलेखों को पढ़ने हेतु -khagolshastri.blogspot.com

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