जैसाकि सभी को ज्ञात है कि पृथ्वी सूर्य के चारो ओर घूमती है और सूर्य के वारों और पृथ्वी की परिक्रमा के कारण मौसम बदलते रहते हैं | पृथ्वी की विशेष स्थिति 21 जून को होती है ,उस समय उत्तरी गोलार्ध में ग्रीष्म ऋतु होती है तथा उत्तरी ध्रुव सूर्य की ओर झुका होता है ,--इसलिए दिन रात की तुलना में अधिक लंबे होते हैं | उत्तरी ध्रुव के निकट तो दिन चौबीसो घंटे का होता है | इसके विपरीत उस समय दक्षिणी ध्रुव में सर्दियों का मौसम होता है ,क्योंकि दक्षिणी ध्रुव सूर्य के परे होता है और दिन रात की तुलना में छोटे होते हैं |
----इसके अतिरिक्त इस अवधि में सूर्य की किरणें उत्तरी गोलार्ध की सतह पर सीधी पड़ती हैं | विशेष रूप से कर्क रेखा पर लंब रूप में होती हैं | मकर रेखा पर उन दिनों सूर्य की किरण सीधी लंब रूप में न पड़कर ,कोण बनाती हुई पड़ती हैं | इससे उनका ताप वहां पर कम मात्रा में पहुंचता है |
----22 दिसंबर को उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों का मौसम और दक्षिणी गोलार्ध में गर्मियों का मौसम होता है | इन दिनों उत्तरी ध्रुव सूर्य से हटा होता है ,जिस करण उत्तरी गोलार्ध में दिन छोटे और दक्षिणी गोलार्ध में दिन बड़े होते हैं | दक्षिण में मकर रेखा पर सूर्य की किरणें लंबाकार रूप में पड़ती हैं और उत्तर में कर्क रेखा पर कोण बनाती हुई !
----22 दिसंबर तथा 21 मार्च को उत्तरी गोलार्ध में बसंत ऋतु होती है | उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव दोनों ही सूर्य की ओर बराबर झुके होते हैं | इस प्रकार दिन और रात हरेक स्थान पर बराबर होती हैं | भूमध्य रेखा पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं | इस अवधि में दिन और रात की लंबाई बराबर होती है |
---उम्मीद करता हूँ -मौसम की जानकारी सही समझ में आ गयी होगी --आगे सूर्य और काल की चर्चा करेंगें --भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ --ज्योतिष सीखनी है तो ब्लॉकपोस्ट पर पधारें तमाम आलेखों को पढ़ने हेतु -khagolshastri.blogspot.com

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