ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

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ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

शनिवार, 27 जनवरी 2024

ज्योतिष कक्षा भाग -10 -अयन किसे कहते हैं -पढ़ें -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ


   सूर्य का आना -जाना "अयन " कहलाता है |  हिन्दू -धर्म की मान्यतानुसार अयन दो होते हैं ,जिनकी कालावधि "कालविधि " उत्तरायण -13 या 14 जनवरी से आरम्भ होकर ,जो संक्रमण 15 जुलाई को समाप्त होता है ,--उसे उत्तरायण कहते हैं | --इसी प्रकार 16 जुलाई से 12 जनवरी तक की कालावधि दक्षिणायन समझी जाती है | 

---उत्तरायण में शुभकार्य किये जाते हैं और दक्षिणायन में कोई भी शुभकार्य नहीं किया जाता है | उत्तरायण सूर्य में जन्म लेने वाला व्यक्ति सदैव प्रसन्नचित ,स्त्री और पुत्रादि से संतोष एवं सुख पाने वाला ,दीर्घायु ,श्रेष्ठ ,अचार -विचार वाला ,उदार व धैर्यशील होता है | ----जबकि दक्षिणायन सूर्य में जन्म लेने वाला व्यक्ति कृपण ,पंडित ,लोक प्रसिद्ध ,पशुपालक ,निष्ठुर ,दुराग्रही और उच्छृंखल होता है | 

----कुछ ज्योतिष -संहिता के ग्रंथों में उत्तरायण को देवता का दिन कहा है ,जबकि सूर्य विषुव वृत्त से उत्तर में रहता है | मेरु पर रहने वाले देवताओं को वो छह मास तक सतत दिखाई देता है ,--अतः इस कथन से भी सूर्य की युगल गतियों का  होना सिद्ध होता है | --'अयन "-शब्द का प्रयोग किस काल के लिए किया गया है --इसका उल्लेख वेदों में अन्यत्र नहीं मिलता है | 

-----सूर्य का आकाशीय नक्षत्रों और ग्रहों पर अमिट प्रभाव पड़ता है | एक प्रकार से सृष्टि का सञ्चालन ही सूर्य से होता है | ---ध्यान दें --कुण्डली निर्माण करते समय पत्रिका में उल्लेख करना होता है -बालक उत्तरायण में जन्म लिया या दक्षिणायन में ----आगे के आलेख में मौसम पर विचार रखेंगें --भवदीय निवेदक -खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ --ज्योतिष सीखनी है तो ब्लॉकपोस्ट पर पधारें तमाम आलेखों को पढ़ने हेतु -


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