ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ

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ऑनलाइन ज्योतिष सेवा होने से तत्काल सेवा मिलेगी -ज्योतिषी झा मेरठ 1 -कुण्डली मिलान का शुल्क 2200 सौ रूपये हैं | 2--हमसे बातचीत [परामर्श ] शुल्क है पांच सौ रूपये हैं | 3 -जन्म कुण्डली की जानकारी मौखिक और लिखित लेना चाहते हैं -तो शुल्क एग्ग्यारह सौ रूपये हैं | 4 -सम्पूर्ण जीवन का फलादेश लिखित चाहते हैं तो यह आपके घर तक पंहुचेगा शुल्क 11000 हैं | 5 -विदेशों में रहने वाले व्यक्ति ज्योतिष की किसी भी प्रकार की जानकारी करना चाहेगें तो शुल्क-2200 सौ हैं |, --6--- आजीवन सदसयता शुल्क -एक लाख रूपये | -- नाम -के एल झा ,स्टेट बैंक मेरठ, आई एफ एस सी कोड-SBIN0002321,A/c- -2000 5973259 पर हमें प्राप्त हो सकता है । आप हमें गूगल पे, पे फ़ोन ,भीम पे,पेटीएम पर भी धन भेज सकते हैं - 9897701636 इस नंबर पर |-- ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ, झंझारपुर और मुम्बई----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

गुरुवार, 12 अक्टूबर 2023

माँ शब्द की व्याख्या या व्युत्पत्ति या भावार्थ निकालना बहुत सहज नहीं है -पढ़ें - भाग -40 -ज्योतिषी झा मेरठ


 "मेरा" कल आज और कल -


पढ़ें ?--- भाग -40 -ज्योतिषी झा मेरठ

माँ शब्द की व्याख्या या व्युत्पत्ति या भावार्थ निकालना बहुत सहज नहीं है | --माँ छत्रछाया है ,माँ कृपा की मूर्ति है ,माँ ममतामयी है ---माँ के लिए सबका द्वार एक जैसा ही होता है --चाहे उसकी कोख से जन्मा अज्ञानी हो या ज्ञानी --सभी संतानें एक जैसी ही माँ को लगती है --माँ के दर पे कोई भेद भाव नहीं होता है | --मैं जब चोर था तब भी माँ के लिए वैसा ही था ,मेरे जीवन में माँ का भी बड़ा योगदान रहा है --भले ही मेरी माँ अनपढ़ थी -पर मुझको पढ़ाया है ,आश्रम में वही तो गयी थी नानी के साथ और 10 रूपये भी दिए थे | जब दीवाल गिरी तो न दीपक था न लालटेन पर माँ मुझको सबसे पहले ढूंढ रही थी | जब मैं कॉलेज में पढ़ने लगा तो 100 प्रतिमाह यही तो देती थी | एकबार पिता से युद्ध हुआ तो मैं रात के समय भागा गन्धराईन {अंधराठाढ़ी} से अपने गांव आया 15 किलोमाटर का सफर था --सांप मेरे पैरों में लिपट गया --मुझे पता नहीं मेरे पैरों में खून था क्योंकि मैं भागा -भागा माँ के पास ही तो आया था --भले ही औषधि की सामर्थ नहीं थी पर गरम पानी से साफ किया और देवताओं से दुआ मांगी थी --आज मैं इसलिए तो जिन्दा हूँ| जब भी घर से निकला तो पलकें बिछाये मेरी राह तो माँ ही देख रही थी | जब मैं रेडियो चुराया --गरीबी सही ईमानदार थी तभी तो चचेरे भाई से बोली गाली मत दो मैं रेडियो अपने भाई से दिल्ली से मंगबाकर दूंगीं --जबकि मैं तो चोर था | जिस पिता को घर की जिम्मेदारी सम्भालनी चाहिए वो काम तो माँ ने किया | शादी भी माँ ने करायी भले ही नानी का योगदान था --पर नानी भी तो माँ की माँ थी | --जब गरीबी थी तो खुद कई दिन खाना नहीं खाया पर मुझको तो पहले खिलाती थी | ---मेरी माँ में अनन्त गुण हैं --पर एक अबगुण ने --मुझे मरने पर विवस कर दिया --सत्ता और प्रभुता --बड़ा होना सहज है --पर उन धर्मों का भी पालन करना होता है जो सत्ता और प्रभुता के लिए अनिवार्य हैं --और मैं यही करना चाहता था --मैं चाहता था --मेरी माँ भले ही गरीबी देखी है --अब बढियाँ पहनें ,बढियाँ खाये ,अपने घर से बाहर न जाये ,मेरी माँ के पास लोग आये ,मेरी माँ सबकी अवश्य मदद करें पर सामर्थ के अनुसार ,मेरी माँ केवल दुआ मांगें तप की दुनिया में रहे ,किसी से लेनी -देनी ऐसी न करे जो जो दूसरे की हो ,अपने समय का सदुपयोग करे | ----ये वो राहें थी --जो असंभव थी --क्योंकि मेरे घर में दीदी का सदा साम्राज्य रहा है ,दीदी के पैसे व्याज पर लगाती रही है --घाटा होने पर हमारे पैसों से पूर्ति करती थी | सम्पूर्ण जीवन दीदी अपने बच्चों के साथ मेरे यहाँ निवास किया है----जबकि कोई अभाव नहीं है --ये बात मेरी माँ की समझ में क्यों नहीं आयी है | दूसरा कारण मेरे मामा रहे मेरे यहाँ शिक्षा मिली -सरकारी नौकरी मिली --करोड़पति हैं कभी भी --इतना नहीं कह सके --दीदी --जैसा बेटा -बहु कहते हैं वही करो ---बच्चों के सुख में ही माता पिता सुखी होते हैं | ---मैं अपनी कुण्डली देखी तो-- मेरा भाग्येश ,चतुर्थेश लग्न में विराजमान है --लग्नेश के साथ यह सर्वोत्तम योग है --सिंह लग्न की कुण्डली में सूर्य और मंगल लग्न में विराजमान हो चन्द्रमा उच्च का कर्मक्षेत्र में विराजमान हो --उस जातक को माता ,सम्पत्ति ,वाहन ,भवन का पूर्ण सुख प्राप्त होता है ---ये तमाम सुख मुझे मिले ---फिर ऐसा क्या था ------आगे की चर्चा आगे करेंगें -----ॐ आपका - ज्योतिषी झा मेरठ----ज्योतिष और कर्मकांड की अनन्त बातों को पढ़ने हेतु या सुनने के लिए प्रस्तुत लिंक पर पधारें -https://www.facebook.com/Astrologerjhameerut

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खगोलशास्त्री ज्योतिषी झा मेरठ

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